क्यों न बुल्लेशाह के खिलाफ़ एक फ़तवा जारी किया जाये जिन्होंने कहा
नाम नबी की रतन चढी, बूँद पडी इल्लल्लाह
रंग-रंगीली उही खिलावे,जो सखी होवे फ़ना-फी-अल्लाह
होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह
अलस्तु बिरब्बिकुम पीतम बोले,सभ सखियाँ ने घूंघट खोले
क़ालू बला ही यूँकर बोले,ला-इलाहा-इल्लल्लाह
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