Monday, 16 September 2019
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
एक ही विषय पर 6 महान शायरों का नजरिया –
Mirza Ghalib :
“शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता जहाँ पर ख़ुदा नहीं”
Iqbal :
“मस्जिद ख़ुदा का घर है, कोई पीने की जगह नहीं ,
काफिर के दिल में जा, वहाँ पर ख़ुदा नहीं ”
Ahmad Faraz :
जगह नही,
खुदा मौजूद है वहा भी, काफिर को पता नहीं ”
नही,
तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं ”
Saqi :
नही,
जन्नत में कहाँ ग़म है वहाँ पीने में मजा नहीं”
Sharabi:
“हम पीते हैं मज़े के लिए, बेवजह बदनाम गम है,
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जिंदगी चाहत का सिलसिला है,
ReplyDeleteकोई मिल जाता हैं तो कोई बिछड़ जाता हैं,
जीने मांगते हैं अपनी दुवा में,
हो किसी और को बिना मांगे ही मिल जाता हैं
Love Shayari Learn More
बिन मांगे मुराद पूरी होती, खूब सोच समझ ले तू,
ReplyDeleteएबादत भी घाटे का सौदा हुवा, बर्बाद हुए हम ll