Monday, 21 October 2019

पाकीज़ा अज़ानों में मीरा के भजन गूंजें नौ दिन के उपासन में रमज़ान की खुशबू हो

वो दौर दिखा जिसमें इंसान की ख़ूशबू हो इंसान की आखों में ईमान की खुशबू हो पाकीज़ा अज़ानों में मीरा के भजन गूंजें नौ दिन के उपासन में रमज़ान की खुशबू हो मैं उसमें नज़र आऊं वो मुझमें नज़र आये इस जान की खुशबू में उस जान की खुशबू हो




छपी हिंदी तो गीता... उर्दू छपी तो क़ुरान नजर आई... भूल कर अस्तित्व लोगों को... एक कागज़ भी हिंदू- मुसलमान नज़र आया।

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