पाकीज़ा अज़ानों में मीरा के भजन गूंजें नौ दिन के उपासन में रमज़ान की खुशबू हो
वो दौर दिखा जिसमें इंसान की ख़ूशबू हो
इंसान की आखों में ईमान की खुशबू हो
पाकीज़ा अज़ानों में मीरा के भजन गूंजें
नौ दिन के उपासन में रमज़ान की खुशबू हो
मैं उसमें नज़र आऊं वो मुझमें नज़र आये
इस जान की खुशबू में उस जान की खुशबू हो
छपी हिंदी तो गीता...
उर्दू छपी तो क़ुरान नजर आई...
भूल कर अस्तित्व लोगों को...
एक कागज़ भी हिंदू- मुसलमान नज़र आया।
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