Wednesday 29 December 2021

मप्र हाई कोर्ट से रीडर को मिली अंतरिम राहत, सेवानिवृत्ति आयु के विवाद का मामला

मप्र हाई कोर्ट से रीडर को मिली अंतरिम राहत, सेवानिवृत्ति आयु के विवाद का मामला


पूर्व में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ आयुष नर्सों के मामले में शशिबाला चौहान विरुद्ध मप्र राज्य रिट याचिका में राहतकारी आदेश प्रदान किया था।


मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति विवाद के मामले में हकीम सयैद ज़िआउल हसन यूनानी मेडिकल कालेज अस्पताल, भोपाल में रीडर के पद पर कार्यरत डा. ज़ुबैर अहमद अंसारी को अंतरिम राहत दे दी है। इसके तहत 65 वर्ष की आयु तक सेवारत रखे जाने की व्यवस्था दी गई है। साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया है।


न्यायमूर्ति नंदिता दुबे व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की शीत अवकाश कालीन युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता विजय राघव सिंह, अजय नंदा व मनोज चतुर्वेदी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश शासकीय सेवक, अधिवार्षिकी- आयु संशोधन अधिनियम, 2011 के प्रविधान चुनौती के योग्य हैं।इसके उप नियमों की संवैधानिक वैधता कठघरे में रखे जाने लायक है। बहस के दौरान दलील दी गई कि सिविल अपील में सुप्रीम कोर्ट ने नार्थ दिल्ली म्युनिसिपल कार्पोरेशन विरुद्ध डा. राम नरेश शर्मा के मामले में एलोपैथी व आयुष सेवानिवृत्ति को क्रमश 65 एवं 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति अनुचित व भेदभाव पूर्ण करार देते हुए आयुष चिकित्सकों को भी सामान रूप से 65वर्ष तक कार्य करते रहने देने का राहतकारी आदेश प्रदान किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि एलोपैथी व आयुष, जिसमे भारतीय पद्धति से चिकित्सा करने वाले योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी सिद्धा, तथा यूनानी शामिल है, सभी का मूलभूत कार्य मरीजों की सेवा करना है। पूर्व में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ आयुष नर्सों के मामले में शशिबाला चौहान विरुद्ध मध्य प्रदेश राज्य रिट याचिका में राहतकारी आदेश प्रदान किया था।


https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/jabalpur-reader-gets-interim-relief-from-mp-high-court-case-of-dispute-over-retirement-age-7210460