जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने सीसीटीवी फुटेज सत्यापित न होने के आधार पर अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक बरेली रायसेन निवासी शेख हुसैन की ओर से अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी व विजय राघव सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक के खिलाफ भादंवि की धारा-326, 324, 323, 506, 294 व 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया है। चूंकि आवेदक को झूठा फंसाया गया है, अतः उसकी ओर से सच्चाई को सामने लाने सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत कर दी गई। इसके बावजूद पुलिस दूसरे पक्ष के दबाव में सीसीटीवी फुटेज को सत्यापित करने की दिशा में घोर लापरवाही बरत रही है। इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई है, इसीलिए अग्रिम जमानत अपेक्षित है। पूर्व में सेशन कोर्ट से अर्जी खारिज हो गई थी, लिहाजा हाईकोर्ट आना पड़ा। इस मामले में दूसरे पक्ष ने झगड़ा शुरू किया था, लेकिन वह रसूखदार होने के कारण आवेदक को पुलिस के चक्कर में उलझा चुका है।